प्रश्न - 1. देहरादून की जेल-कोठरी में नेहरू का किन जंतुओं से सामना हुआ?
उत्तर : नेहरू जी का सामना बर्र, चमगादड़, चींटियाँ, छिपकलियाँ, मैना, कबूतर, तोते, साँप आदि से हुआ।
प्रश्न - 2. नेहरू जी को निरंतर परेशान करने वाले कीट कौन-से थे?
उत्तर : खटमल, मच्छर और मक्खियाँ उन्हें निरंतर परेशान करते थे।
प्रश्न - 3. छिपकलियों को क्या करते देखकर नेहरू जी को आनंद आता था?
उत्तर : छिपकलियों को शिकार की तलाश में एक-दूसरे से भिड़ते और पूँछ हिलाते देखकर नेहरू जी को आनंद आता था।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. मैंने अनुभव किया कि मेरी यह शिकायत गलत थी कि मेरा आँगन सूना और उजड़ा हुआ है। अपनी शिकायत के विरुद्ध नेहरू जी ने क्या पाया?
उत्तर : नेहरू जी ने पाया कि उनका आँगन सूना और उजड़ा हुआ नहीं, बल्कि विभिन्न जीव-जंतुओं से भरा हुआ था, जो बिना किसी हस्तक्षेप के अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे।
प्रश्न - 2. गिलहरियों से पंडित नेहरू किस प्रकार आनंदित होते थे?
उत्तर : गिलहरियाँ साहसपूर्वक उनके पास आ जाती थीं। कभी वे उनकी गोद में चढ़कर उनके मुँह की ओर देखने लगती थीं। गिलहरियों की चंचलता और छोटे बच्चों को मुँह में दबाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की क्रिया देखकर वे आनंदित होते थे।
प्रश्न - 3. गिलहरी के बच्चों को किस प्रकार पाला गया?
उत्तर : गिलहरियों के छोटे बच्चों को पालने के लिए पेन में स्याही भरने वाले फिलर से दूध पिलाकर पाला गया।
प्रश्न - 4. चमगादड़ों के विषय में नेहरू जी का क्या अनुभव रहा?
उत्तर : नेहरू जी चमगादड़ों को पसंद नहीं करते थे। वे संध्या के अँधेरे में बिना शोर किए उड़ते थे और कभी उनके चेहरे से एक इंच ऊपर से निकल जाते थे, जिससे नेहरू जी को भय लगता था कि कहीं काट न लें।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. बिच्छुओं के विषय में नेहरू जी का क्या अनुभव रहा?
उत्तर : जेल में नेहरू जी का कई बार बिच्छुओं से सामना हुआ। आश्चर्य की बात यह थी कि बिच्छुओं ने उन्हें कभी डंक नहीं मारा। कभी-कभी वे किताब उठाते समय बिच्छू निकल आते थे। एक बार उन्होंने एक बिच्छू को थोड़े समय के लिए बोतल में बंद करके मक्खियाँ खिलाईं, बाद में उसे दीवार पर बाँध दिया, किंतु वह भाग निकला। इस प्रकार नेहरू जी का अनुभव रहा कि बिच्छुओं ने उन्हें कोई हानि नहीं पहुँचाई।
प्रश्न - 2. पंडित नेहरू के अनुसार बरेली जेल में बंदर ने किस प्रकार अपना पराक्रम दिखाया?
उत्तर : बरेली जेल में एक बंदर का बच्चा कैदियों के हाथ में आ गया और उन्होंने उसे रस्सी से बाँध दिया। बच्चे के माता-पिता दीवार के ऊपर से यह दृश्य देख रहे थे। अचानक एक बड़ा और ताकतवर बंदर नीचे कूदा और भीड़ पर हमला कर दिया। वार्डन और कैदी डंडे लिए हुए थे, फिर भी बंदर ने अदम्य साहस दिखाया। अंत में मनुष्य पीछे हटे और बड़ा बंदर अपने बच्चे को छुड़ाकर शान के साथ ले गया। इस घटना ने नेहरू जी पर गहरा प्रभाव डाला।