प्रश्न - 2. रमन इंस्टीट्यूट के द्वार पर क्या लिखा था?
उत्तर : "यह आम रास्ता नहीं है। बिना आज्ञा प्रवेश वर्जित है
प्रश्न - 3. वैज्ञानिक रमन ने अतिथियों के लिए कितना समय देना बताया?
उत्तर : पंद्रह मिनट।
प्रश्न - 4. वैज्ञानिक रमन की बोलने की गति कैसी थी?
उत्तर : बहुत तीव्र गति की थी।
प्रश्न - 5. फोटो खींचने की बात पर वैज्ञानिक रमन क्या कहते हैं?
उत्तर : पहले वे भड़क उठते हैं, पर बाद में तैयार हो जाते हैं।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. लेखक ने वैज्ञानिक रमन का व्यक्तित्व किस प्रकार का बताया है?
उत्तर : लेखक ने उनके व्यक्तित्व को महान, सहज, आत्मीय, तीव्र गति से विचार व्यक्त करने वाला और सरल बताया है।
प्रश्न - 2. लेखक सर वेंकटरमन को देखकर एकाएक विश्वास क्यों नहीं कर पाए कि ये ही विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं?
उत्तर : क्योंकि वे बहुत साधारण पहनावे में थे, कोट फटा हुआ था, दाँत टूटा हुआ था और बिल्कुल सहज-सरल व्यक्ति लगे।
प्रश्न - 3. वैज्ञानिक रमन ने किन पदकों को असुंदर कहा?
उत्तर : उन्होंने नोबेल पुरस्कार को छोड़कर अन्य सभी पदकों को असुंदर कहा।
प्रश्न - 4. अपना चित्र खींचे जाने की बात पर पहले भड़कने और बाद में उसके लिए तैयार हो जाने से चंद्रशेखर वेंकटरमन के स्वभाव की किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर : इससे उनकी सरलता, बालसुलभ सहजता और मिलनसार स्वभाव का पता चलता है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. 'सर चंद्रशेखर वेंकटरमन में अनुसंधानकर्ता की लगन, सौंदर्यप्रियता, वृद्ध की सनक और शिशु की सरलता थी' – पाठ में वर्णित प्रसंगों से इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर : सर वेंकटरमन जीवनभर अनुसंधान और विज्ञान की खोजों में लगे रहे। वे हीरे, धातु, प्रकाश, समुद्र और प्रकृति की अनेक घटनाओं के बारे में शोधपूर्ण बातें बताते रहते थे, जिससे उनकी अनुसंधानकर्ता की लगन झलकती थी।
साथ ही वे कहते हैं – "विज्ञान आदमी को सौंदर्य की प्रेरणा देता है।" इससे उनकी सौंदर्यप्रियता सिद्ध होती है।
कभी-कभी वे अचानक भड़क उठते थे, या बिना संदर्भ की बातें कह देते थे, यह वृद्ध की सनक थी।
लेकिन जब कोई विद्यार्थी उनकी ओर आकर्षित हुआ तो उन्होंने आत्मीयता से उसे दुर्लभ वस्तुएँ दिखाईं, यह उनके शिशु जैसी सरलता का परिचायक है।
इस प्रकार उनके व्यक्तित्व में इन चारों विशेषताओं का संगम था।
प्रश्न - 2. 'विज्ञान आदमी को सौंदर्य की प्रेरणा देता है।' स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : विज्ञान प्रकृति और जीवन के छिपे रहस्यों को उजागर करता है। जब कोई वैज्ञानिक जल, प्रकाश, रंग, ध्वनि या ब्रह्मांड की घटनाओं को समझता है, तो उसके भीतर सौंदर्य का अनुभव होता है।
रमन स्वयं विज्ञान को केवल गणना नहीं, बल्कि सुंदरता का साधन मानते थे। उनके अनुसार विज्ञान की खोजें मनुष्य को सौंदर्य का गहरा आनंद देती हैं।
प्रश्न - 3. 'जो जितना ऊँचा उठता है, वह उतना ही सरल और सहज रहता है।' इससे क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : इसका अभिप्राय है कि सच्चे महान व्यक्ति अपने पद, ज्ञान या प्रसिद्धि के कारण घमंडी नहीं होते।
सर वेंकटरमन विश्वविख्यात वैज्ञानिक थे, नोबेल पुरस्कार विजेता थे, लेकिन वे अपने अतिथियों से आत्मीयता से मिले, सहजता से बातचीत की और विद्यार्थियों को दुर्लभ वस्तुएँ भी दिखाईं।
उनका फटा हुआ कोट, टूटा दाँत और सामान्य रहन-सहन उनकी सादगी का प्रमाण था।
इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति जितना ऊँचा उठता है, वह उतना ही सरल और सहज हो जाता है।