उत्तर : कर्मवती रानी थी, जो मालवा के राजा रंजीत सिंह की पत्नी थीं। उन्होंने मुगल आक्रमणों के खिलाफ संघर्ष किया था।
प्रश्न - 2. मेवाड़ के राजपूत किसके विरुद्ध युद्ध लड़ रहे थे?
उत्तर : मेवाड़ के राजपूत अकबर और मुगल साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे थे। उनके नेतृत्व में राणा प्रताप ने मुघल आक्रमणों का दृढ़ता से सामना किया।
प्रश्न - 3. कर्मवती ने किस आशंका के कारण हुमायूँ को रक्षा-सूत्र भिजवाया?
उत्तर : कर्मवती ने मुगल आक्रमण की आशंका के कारण हुमायूँ को रक्षा-सूत्र भिजवाया, ताकि वह उसकी सहायता कर सके।
प्रश्न - 4. हुमायूँ के पास रक्षा-सूत्र लेकर कौन गया?
उत्तर : कर्मवती के पास रक्षा-सूत्र लेकर वाग़ी नामक एक राजदरबारी हुमायूँ के पास गया, ताकि वह सहायता भेज सके।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. वीरता से लड़ने के बावजूद भी किन कारणों से राजपूतों की हार निश्चित थी?
उत्तर : राजपूतों की हार संख्यात्मक कमी, संगठित रणनीति की कमी, और मुगल साम्राज्य की मजबूत सैन्य शक्ति के कारण निश्चित थी, बावजूद वीरता के।
प्रश्न - 2. बाघ सिंह ने कर्मवती को किस बाधा का स्मरण करवाया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : बाघ सिंह ने कर्मवती को मुगल आक्रमण और राजनीतिक संकट की बाधा का स्मरण कराया, जिससे मेवाड़ की रक्षा जरूरी थी।
प्रश्न - 3. कर्मवती को हुमायूँ से क्या आशा थी?
उत्तर : कर्मवती को हुमायूँ से सहायता और सुरक्षा की आशा थी, ताकि वह मुगल आक्रमण से मेवाड़ की रक्षा कर सकें।
प्रश्न - 4. कर्मवती का पत्र पढ़कर हुमायूँ पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : कर्मवती का पत्र पढ़कर हुमायूँ पर दया और सम्मान का प्रभाव पड़ा, और उसने मेवाड़ की सहायता करने का निर्णय लिया।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. हुमायूँ की उदारता और त्याग का वर्णन कीजिए।
उत्तर : हुमायूँ की उदारता और त्याग दर्शाता है कि उसने कर्मवती की सहायता के लिए अपना स्वार्थ त्याग किया। वह राजनीतिक लाभ के बजाय, मानवता और धर्म के आधार पर मेवाड़ की रक्षा में सहायक बना।
प्रश्न - 2. 'जिन्हें हम दुश्मन समझते हैं, वे सब हमारे भाई हैं। हम एक खुदा के बेटे हैं।' इस कथन को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : यह कथन विश्वास, एकता और भाईचारे का संदेश देता है। इसका मतलब है कि सभी मनुष्य समान हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या राष्ट्र के हों। हम सभी ईश्वर की संतान हैं, इसलिए हमें आपसी मतभेदों को भूलकर समान सम्मान और प्रेम से जीना चाहिए।