उत्तर : रणवीर सिंह के पिता बड़ा प्रतापी और यशस्वी राजा थे । उसके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी।
प्रश्न - 3. क्या रणवीर सिंह एक दानी राजा था?
उत्तर : रणवीर सिंह दानी राजा नहीं था क्योकि कोई भी याचक उसके द्वार पर जाता, तो रिक्त हाथ ही लौटता था।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. रणवीर सिंह किस प्रकार शासक था?
उत्तर : रणवीर सिंह एक अहंकारी शासक था। आमोद-प्रमोद में जीवन बिताता। था। प्रजा के दुख-सुख पर तनिक भी ध्यान न देता।
प्रश्न - 2. रणवीर सिंह के व्यवहार से प्रजा की क्या दशा थी?
उत्तर : राजा रणवीर सिंह निरंतर युद्धों में रत रहता और उन्हीं के विषय में सोचता प्रजा के दुख-सुख पर तनिक भी ध्यान न देता। दान-पुण्य से उसका लेशमात्र भी नाता न था। राजा के इस व्यवहार से प्रजा में असंतोष था।
प्रश्न - 3. महल में पधारे संन्यासियों के साथ राजा रणवीर सिंह ने कैसा व्यवहार किया?
उत्तर : राजा रणवीर सिंह ने महल में पधारे संन्यासियों के साथ घमंडी और अहंकारी व्यवहार किया। उन्होंने संन्यासियों का अपमान किया और उनकी बातों को नजरअंदाज किया, क्योंकि उन्हें अपनी शक्ति पर बहुत गर्व था।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. गुरुजी ने राजा रणवीर सिंह का अहंकार किस प्रकार चूर किया?
उत्तर : गुरुजी ने राजा रणवीर सिंह का अहंकार चूर करने के लिए उसे एक कठिन पाठ पढ़ाया। गुरुजी ने उसे संन्यासियों के साथ हुए व्यवहार का परिणाम दिखाया, जिससे राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने घमंड को छोड़ा।
प्रश्न - 2. गुरुजी के दंड से राजा रणवीर सिंह के व्यवहार में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर : गुरुजी के दंड से राजा रणवीर सिंह के व्यवहार में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया। उसने अहंकार छोड़ दिया और विनम्र हो गया। अब वह अपनी प्रजा और दूसरों के प्रति अधिक दयालु और सम्मानजनक व्यवहार करने लगा।